वरुण शिक्षण संस्थान एक ऐसी संस्था है जिसने आने वाली हर पीढ़ी को शिक्षित करने का उद्देश्य लेकर सन् 1982 में इस संस्था की स्थापना की। संस्था की नींव, पीलर व गुबंदहर रूप में संस्था को ऊँचाइयों पर ले जाने वाले हमारे प्रेरणा स्त्रोत व्यवस्थापक महोदय श्रीमान् लखनलालजी अरोड़ा है। जिनका लक्ष्य हर विद्यार्थी को उत्तम ज्ञान प्रदान कराना है।
संस्था का उद्देश्य विद्यालय में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर, उन्हें एक सुसभ्य नागरिक बनाना है, जिससे राष्ट्र निरन्तर उन्नति के पथ पर चल सके। हमारे विद्यालय के logo पर अंकित है - ‘‘प्रेम, अहिंसा व विश्वास’’ इन तीनों को ध्यान में रखते हुए विद्यालय के सभी कार्यकर्त्ता लगन से कार्य करते हुए विद्यालय की उन्नति में सहायक होते हैं।
इस वेबसाइट में संस्था के तीनों विद्यालयों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। विद्यालय द्वारा प्राप्त कीगई उपलब्धियाँ, समृद्धि व मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों की सूची भी दी गई है। विद्यार्थियों हेतु वर्षभर आयोजित की जाने वाली गतिविधियों व प्रतियोगिताओं की सूचना भी दी गई है।
शिक्षा जीवन भर सीखने की प्रक्रिया है। विद्यालय उसके लिए एक पूर्व निर्दिष्टि स्थान है, जहाँ बच्चों को शिक्षार्थियों के रूप में सीखने का अवसर प्रदान होता है। आज का युवा साहित्य व रचनाओं
के साथ ही इंटरनेट की दुनिया से भी प्रभावित होता है। युवा पीढ़ी को आधुनिकता व नवाचार से जोड़े रखने के लिए विद्यालय निरन्तर प्रयत्नशील है। छात्रों के नए
व कठिन शैक्षणिक मानकों को समझने व पूर्ण करने में आप और हम एक टीम की तरह काम करेंगे, तो सफलता अवश्य मिलेगी। इस संदर्भ में वेबसाइट की जानकारी होने से सभी को मदद मिलेगी।
हम आपको अतिरिक्त स्वयं सेवकमान शैक्षिक उत्कृष्टता के दृष्टिकोण साझा करने के लिए आमंत्रित करते है। आधुनिक शिक्षा से परिपूर्ण वर्ष की कामना करते हुए, सभी को धन्यवाद।